गडसन
गैडसन गामासन तंजानिया से हैं। जब उन्हें भारत लाया गया तो वे गंभीर प्रेशर अल्सर से पीड़ित थे। प्रेशर अल्सर इतने तीव्र थे कि उनके कूल्हे का क्षेत्र भी लगभग खा लिया गया था। जब उन्हें सीएमसी वेल्लोर लाया गया तो उनका फेफड़ा भी टूट गया था। लगभग 15 महीने प्रेशर सोर को ठीक करने में लगे, और फिर गैडसन को कोई रोक नहीं पाया।
पारंपरिक अफ्रीकी ताकत और स्वभाव के प्रति लगाव ने जगह ले ली। जब उन्हें पता चला कि व्हीली कैसे की जाती है, तो उनकी व्हीलचेयर शायद ही कभी चार पहियों पर होती थी। उनका ठीक होना उनके देश की सरकार के लिए ऐसा आश्चर्य था कि उसने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को भारत भेजने का फैसला किया। गडसन एक सामुदायिक रेडियो चलाता है और पढ़ाता भी है।
वह अपने व्हीलचेयर पर लंबी दूरी की कीमा बना सकते हैं। जिन लोगों ने गडसन को भारत आने पर सबसे पहले देखा था, वे इस बात की पुष्टि करेंगे कि वह अब जो करता है वह वही है जो उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह कर रहा होगा। भारत में रिहैब ट्रेनिंग की वजह से वह कितने अच्छे बने।
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विल चेयर
प्रज्ञा घिल्डियाल ने 2005 में एक सड़क दुर्घटना के कारण व्हीलचेयर पर जीवन को सीमित नहीं रहने दिया ।उसने इसे शारीरिक रूप से विकलांगों को सशक्त बनाने के अवसर के रूप में देखने का फैसला किया। उनके शब्दों में, "मुझे जल्द ही एहसास हुआ कि मेरी व्हीलचेयर वास्तव में मेरी 'वसीयत' कुर्सी थी।" वह इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में योग सिखाती हैं और खेलों में सक्रिय रूप से शामिल हैं, अब अगले एशियाई खेलों के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं।
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